कंडोम के इस्तेमाल से हो सकती है ये जानलेवा बिमारी, स्टडी में पाया गया....
Condom Uses: एक हालिया अध्ययन से पता चला है कि एचआईवी जैसी यौन संचारित बीमारियों को रोकने में उपयोगी कंडोम भी खतरे में हैं। यह देखा गया है कि कंडोम और स्नेहक भविष्य में बांझपन और कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं।
कंज्यूमर सेफ्टी प्लेटफॉर्म मैमवेशन ने एक स्टडी में ये बातें बताई हैं। इसमें कहा गया है कि कंडोम के निर्माण में पीएफएएस जैसे स्थायी रसायनों का उपयोग किया जाता है जो पर्यावरण के साथ मिश्रित नहीं होते हैं।
शोधकर्ताओं का कहना है कि कई कंपनियों के उत्पादों में इन खतरनाक रसायनों की उच्च मात्रा में पीएफएएस पाया जाता है, जिनमें ट्रोजन अल्ट्रा थिन कंडोम और के-वाई जेली क्लासिक लुब्रिकेंट जैसे प्रसिद्ध ब्रांड के उत्पाद भी शामिल हैं।
कंडोम के निर्माण में उपयोग किए जाने वाले प्रति- और पॉलीफ्लोरोएल्काइल पदार्थों को पीएफएएस रसायन के रूप में जाना जाता है। वे पानी, आग, तेल और ग्रीस जैसे पदार्थों के साथ मिश्रण नहीं करते हैं। इसीलिए इन्हें स्थायी रसायन कहा जाता है। इनका व्यापक रूप से बढ़ईगीरी, पेंट और अग्निशमन फोम में उपयोग किया जाता है।
चेतावनी दी गई है कि अगर ऐसे रसायनों से मिश्रित कंडोम और स्नेहक का उपयोग किया जाता है, तो इससे भविष्य में कई दुर्घटनाएं हो सकती हैं। ऐसा कहा जाता है कि बांझपन और कैंसर के साथ-साथ लीवर और थायरॉयड की समस्या, जन्म दोष और रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी जैसी समस्याएं आएंगी।