हरियाणा की बेटी विनेश फोगाट को नहीं मिलेगा अब सिल्वर मेडल। खेल पंचाट ने सिल्वर मेडल के दायर विनेश फोगाट की याचिका को किया खारिज।
Haryana's daughter Vinesh Phogat will not get silver medal now
पेरिस ओलंपिक में डिस क्वालिफिकेशन के बाद हरियाणा की बेटी रेसलर विनेश फोगाट को एक झटका लगा है खेल पंचाट ने सिल्वर मेडल के दायर विनेश फोगाट की याचिका को खारिज कर दिया है मामले में सुनवाई पहले ही हो चुकी है लेकिन फैसला सुनाने की तारीख लगातार टलती जा रही थी।
विनेश फोगाट को पेरिस ओलिंपिक में सिल्वर मेडल नह मिलेगा। कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) ने बुधवार, 14 अगस्त को उनकी अपील खारिज कर दी। फोगाट को फाइनल से पहले ओवरवेट होने की वजह से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। इसके बाद उन्होंने CAS में अपील की थी।
अपील पर फैसला 16 अगस्त को होना था, लेकिन 14 अगस्त को ही उनकी अपील खारिज कर दी गई। फैसले के बाद भारतीय ओलिंपिक कमेटी की प्रेसिडेंट पीटी उषा ने नाराजगी जताई।
विनेश ने रेसलिंग के 50 किग्रा विमेंस कैटेगरी में लगातार 3 मैच जीतकर फाइनल में जगह बनाई थी। 8 अगस्त को फाइनल होना था, लेकिन मैच से पहले ओलिंपिक कमेटी ने विनेश का वजन 50 किलो से 100 ग्राम ज्यादा होने के कारण रेसलर को डिसक्वालिफाई कर दिया था।
वहीं भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष डॉ. पीटी उषा ने खेल पंचाट न्यायालय (सीएएस) के एकमात्र मध्यस्थ द्वारा युनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के खिलाफ पहलवान विनेश फोगट की याचिका खारिज करने के फैसले पर आश्चर्य और निराशा व्यक्त की है।
क्या है CAS?
कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट यानी CAS दुनिया भर में खेलों के लिए बनाई गई एक ऑर्गनाइजेशन है। इसका काम खेल से जुड़े कानूनी विवादों को खत्म करना है। इसकी स्थापना साल 1984 में हुई थी। इसका मुख्यालय स्विटजरलैंड के लॉजेन में स्थित है। वहीं इसके कोर्ट न्यूयॉर्क और सिडनी में भी हैं। वैसे अस्थायी कोर्ट वर्तमान ओलिंपिक शहरों में भी बनाई जाती हैं। इसी वजह से CAS इस बार पेरिस में स्थापित है, जहां विनेश फोगाट मामले की सुनवाई हुई।
प्री क्वार्टर फाइनल
विनेश ने जापान की युई सुसाकी को 5-3 से हराया। विनेश ने अंतिम 10 सेकेंड में सुसाकी से जीत छीनी। सुसाकी पिछले ओलिंपिक की चैंपियन थी। एक भी इंटरनेशनल मैच नहीं हारी थी।
क्वार्टर फाइनल
क्वार्टर फाइनल में विनेश ने यूक्रेन की ओकसाना को 7-5 से हराया। यहां विनेश का कड़ा मुकाबला रहा लेकिन अंतिम क्षणों में डिफेंस और अटैक टेक्नीक से विनेश जीतने में कामयाब रहीं।
सेमीफाइनल
विनेश फोगाट ने क्यूबा की रेसलर गुजमैन लोपेज 5-0 से हराया। फाइनल में पहुंचते ही विनेश का मेडल पक्का हो गया। अगर वह फाइनल हारीं भी तो सिल्वर मेडल मिलेगा।
विनेश फोगाट के हक में cas में क्या दलीलें रखी गई.
विनेश फोगाट ने पहले के मुकाबलों में वजन के नियम को पूरा किया
एक ही दिन में फाइनल तक पहुंचने के लिए 3 मुकाबले लड़ने पड़े
उसे हाइड्रेशन और पोषण की जरूरत थी, ताकि वह स्वस्थ रह सके
एथलीट्स की हेल्थ को सभी विचारों से ऊपर रखा जाना चाहिए।
100 ग्राम ज्यादा वजन एडवांटेज नहीं, बॉडी की नेचुरल डिमांड
कुश्ती स्थल और खेल गांव में दूरी की जिम्मेदारी एथलीट की नहीं
वजन को नियम के अनुरूप न रखने व्यस्तता की एक वजह यह भी
इसे पेरिस ओलिंपिक आयोजन की अनियमितता बताया गया.
100 ग्राम वजन बहुत कम है। यह एथलीट के वजन का 0.1% से 0.2% से भी ज्यादा नहीं है। वजन गर्मी के मौसम में इंसान के शरीर के फूलने से भी आसानी से बढ़ सकता है। इंसान के जीवित रहने की जरूरत के कारण से शरीर में ज्यादा पानी जमा होता है, इसी कारण इतना वजन कभी भी बढ़ सकता है।
* विनेश को एक ही दिन में 3 कॉम्पिटिशन लड़ने पड़े। इस दौरान एनर्जी को मेंटेन करने के लिए भी उन्हें खाना पड़ा। ऐसे में उनका वजन 52.7 किलो पहुंच चुका था।
* खेल गांव और ओलिंपिक गेम्स के एरीना के बीच की दूरी और पहले दिन लगातार मुकाबलों के कारण विनेश को वजन घटाने का पर्याप्त टाइम की नहीं मिला।