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हरियाणा में विनेश फोगाट के ग्रैंड वेलकम की तैयारी दिल्ली एयरपोर्ट से सोनीपत तक रूट किया युवाओं ने तैयार।

हरियाणा में विनेश फोगाट के ग्रैंड वेलकम की तैयारी दिल्ली एयरपोर्ट से सोनीपत तक रूट किया युवाओं ने तैयार।
 
paris olympics 2024
paris olympics 2024:पेरिस ओलंपिक में 100 ग्राम वजन ज्यादा होने के कारण डिस वाली खाई हुई विनेश फोगाट की हरियाणा में वेलकम की तैयारी चल रही है। विनेश फोगाट 16 अगस्त को भारत में आने वाली है। बीच में हर गांव शहर में विनेश फोगाट का स्वागत किया जाएगा।

पानीपत में युवाओं ने इकट्ठा होकर विनेश फोगाट को 11 लाख रुपए का नगद राशि और 2 एकड़ जमीन देने की घोषणा की है। युवाओं का कहना है कि इस जमीन पर विनेश फोगाट अपनी खुद की कुश्ती अकादमी खोले और शोषणमुक्त इंटरनेशनल सत्र के खिलाड़ी तैयार करें।


सिल्वर मेडल पर फैसले की सुनवाई होगी 16 तारीख को। 

खेल कोर्ट यानी कोर्ट आफ आर्बिट रेशन फ़ोर सपोर्ट्स ने विनेश फोगाट के सिल्वर मेडल पर फैसला 16 अगस्त तक टाल दिया है। इससे पहले केस ने 10 अगस्त को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखकर 13 अगस्त को फैसले की तारीख तय की थी। 

विनेश फोगाट के रिश्ते में ताऊ महावीर फोगाट ने बताया है कि हम विनेश का गोल्ड मेडलिस्ट की तरह स्वागत करने वाले हैं जिस खिलाड़ी के साथ इतने बड़े पैमाने पर ऐसा धोखा हो जाता है वह खिलाड़ी संन्यास जैसा फैसला ले लेता है पेरिस से लौटने पर विनेश का पूरा परिवार मनाएगा और 2028 के ओलंपिक के लिए तैयारी शुरू करेंगे।

खेल कोर्ट में विनेश के पक्ष में कहा गया कि 100 ग्राम वजन बहुत कम है। यह एथलीट के वजन के 0.1% से 0.2% से ज्यादा नहीं है। यह गर्मी के मौसम में इंसान के शरीर के फूलने से भी आसानी से बढ़ सकता है क्योंकि गर्मी के कारण इंसान की जीवित रहने की जरूरत की वजह से शरीर में ज्यादा पानी जमा होता है।

इसके अलावा विनेश को एक ही दिन में 3 कॉम्पिटिशन लड़ने पड़े। इस दौरान एनर्जी को मेंटेन करने के लिए भी उन्हें खाना पड़ा।

इसके अलावा भारतीय पक्ष ने कहा कि खेल गांव और ओलिंपिक गेम्स के एरीना के बीच की दूरी और पहले दिन फाइट के टाइट शेड्यूल की वजह से विनेश को वजन घटाने का पर्याप्त टाइम नहीं मिला। विनेश का वजन पहले दिन की 3 कुश्तियां लड़ने के बाद 52.7 किलो पहुंच चुका था।

भारतीय पक्ष ने यह भी कहा कि विनेश को 100 ग्राम वजन बढ़ने से दूसरे रेसलर के मुकाबले कोई फायदा नहीं होना था। यह सिर्फ जरूरी रिकवरी प्रोसेस का परिणाम था। एक दिन में लगातार 3 मकाबले लड़ने केबाद उसके शरीर को डाइट की भी जरूरत थी।

भारतीय पक्ष ने यह भी दलील दी कि विनेश फोगाट के मामले में कोई धोखाधड़ी या हेराफेरी जैसी बात नहीं है। न ही कोई डोपिंग जैसा कोई इश्यू है।

पहले सारे मुकाबले सही लड़ने और फाइनल में अयोग्य होने की वजह से विनेश को कड़ी मेहनत के बावजूद सिल्वर मेडल से वंचित नहीं किया जाना चाहिए।

विनेश फोगाट ने पहले के मुकाबलों में वजन के नियम को पूरा किया।

एक ही दिन में फाइनल तक पहुंचने के लिए 3 मुकाबले लड़ने पड़े

उसे हाइड्रेशन और पोषण की जरूरत थी, ताकि वह स्वस्थ रह सके

एथलीट्स की हेल्थ को सभी विचारों से ऊपर रखा जाना चाहिए।

100 ग्राम ज्यादा वजन एडवांटेज नहीं, बॉडी की नेचुरल डिमांड

कुश्ती स्थल और खेल गांव में दूरी की जिम्मेदारी एथलीट की नहीं

वजन को नियम के अनुरूप न रखने व्यस्तता की एक वजह यह भी

* इसे पेरिस ओलिंपिक आयोजन की अनियमितता बताया गया।