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हरियाणा की बेटी ने वकालत छोड़ थामी पिस्टल और जीता वर्ल्ड कप में सिल्वर मेडल, पढ़ें इनकी अनोखी कहानी 

अनुराधा ने वकालत छोड़कर पिस्टल अपने हाथ में थाम ली और अपने जुनून के चलते आज शूंटिंग वर्ल्ड कप में सिल्वर मेडल अपने नाम कर देश और परिवार का नाम रोशन कर दिया।

 
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हरियाणा की बेटी ने वर्ल्ड कप में सिल्वर मेडल जीतकर राज्य के साथ-साथ देश का नाम रोशन किया है। काहिरा देश में आयोजित आईएसएसएफ वर्ल्ड कप में पानीपत की रहने वाली अनुराधा ने सिल्वर मेडल हासिल कर भारत देश का तिरंगा फहरा दिया।

आपको बता दें कि इस प्रतियोगिता में अनुराधा ने 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में 239.9 का स्कोर कर यह मेडल अपने नाम किया। अनुराधा कोर्ट में वकालत के रूप में अपना काम करती थी। लेकिन बचपन से ही अनुराधा की दिलचस्पी शूटिंग में थी।

यही कारण था कि अनुराधा ने वकालत छोड़कर पिस्टल अपने हाथ में थाम ली और अपने जुनून के चलते आज शूंटिंग वर्ल्ड कप में सिल्वर मेडल अपने नाम कर देश और परिवार का नाम रोशन कर दिया।

15 साल पहले टाइपिस्ट के तौर पर किया था काम शुरू

अनुराधा ने आज से ठीक पर 15 साल पहले टाइपिस्ट के तौर पर अपना काम शुरू किया था। पानीपत कोर्ट में वकील का काम कर रहे रमेश भारद्वाज ने बताया कि अनुराधा ने 12 वीं पास करने के बाद 2009 में एक टाइपिस्ट के तौर पर काम शुरू किया था। काम करने के साथ-साथ अनुराधा ने ग्रेजुएशन और वकालत की डिग्री भी पूरी कर ली थी और साथ ही साथ जुडिशियल की तैयारी भी करने लगी थी।

लेकिन फिर एक लड़की की स्टोरी से मोटिवेट होकर स्पोर्ट्स में हाथ आजमाने की तैयारी करने लगी। अनुराधा ने एक दिन लाइब्रेरी में अखबार में एक आर्टिकल पढ़ा। जिसमें लिखा था कि एक लड़की स्पोर्ट्स कोटे से डीएसपी बन गई। यह आर्टिकल पढ़ने के बाद अनुराधा का भी खेल की तरफ रूझान दिन प्रतिदिन बढ़ने लगा।

अनुराधा का स्पोर्ट्स के प्रति इतना रुझान देखकर हम उसे उझा के पास द्रोणाचार्य एकेडमी में लेकर गए और दाखिला कराया। इसी का नतीजा है कि आज हरियाणा के एक गांव की बेटी ने परिवार समाज और प्रदेश के साथ-साथ संपूर्ण देश का भी नाम रोशन कर दिया।