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हरियाणा के रेवाड़ी में बाप चलाता है टैक्सी, बेटा बनेगा एसपी

Father drives taxi in Rewari, Haryana, son will become SP
 
HARYANA NEWS

HARYANA NEWS:हरियाणा प्रदेश के रेवाड़ी जिले में इन दिनों एक बाप-बेटा चर्चा का विषय बने हुए हैं। जिस बेटे का बाप टैक्सी चला कर परिवार का गुजारा कर रहा हो और उसका बेटा जिले का मुखिया बन जाए तो इससे बड़ी खुशी की बात और क्या हो सकती है। ऐसा ही कुछ रेवाड़ी जिले के रहने वाले शिवम ने कर दिखाया है। शिवम ने यूपीएससी द्वारा आयोजित परीक्षा में देश में 457वीं रैंक हासिल कर परिवार के साथ-साथ संपूर्ण रेवाड़ी जिले का नाम रोशन कर दिया।

शिवम के पिता हरदयाल रेवाड़ी शहर में टैक्सी चला कर अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं। उस समय इस परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा जब यूपीएससी के रिजल्ट डिक्लेयर होने पर उनके बेटे शिवम ने 457वीं रैंक हासिल कर सफलता हासिल की। अब शिवम के पिता हरदयाल एसपी शिवम के बाप के नाम से जाने जाएंगे। आपको बता दें कि शिवम ने यूपीएससी की इस परीक्षा में अपने दूसरे प्रयास में सफलता हासिल की है।

इससे पहले भी शिवम एक बार यूपीएससी की परीक्षा दे चुके हैं। शिवम पेशे से वर्तमान में इंजीनियर है। उन्होंने बिना कहीं पर कोचिंग लिए यूपीएससी की इस परीक्षा में सफलता हासिल की है। शिवम का परिवार मूल रूप से रेवाड़ी जिले के गांव मूंदी का रहने वाला है।

शिवम ने 12वीं कक्षा तक की थी नवोदय विद्यालय से पढ़ाई 

शिवम की पढ़ाई की बात करें तो वह बचपन से ही पढ़ाई में होशियार रहे हैं। उन्होंने 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई जवाहर नवोदय विद्यालय नैहचाना से पूरी की थी। 12वीं कक्षा की पढ़ाई पूर्ण होने के बाद उन्होंने आईआईटी गुवाहाटी से बीटेक की पढ़ाई पूरी की। शिवम के परिवार में माता-पिता के अलावा उसकी दो बहने हैं जिनमें बड़ी बहन की शादी हो चुकी है और छोटी बहन कॉलेज में प्रोफेसर है।

शिवम की माता ने स्नातकोत्तर तक पढ़ाई की है और वर्तमान में अपने बच्चों को घर पर रहकर तैयारी करवाती थी। शिवम बताते हैं कि यूपीएससी की तैयारी हेतु उन्हें अपनी मां से ही प्रेरणा मिली है। वही शिवम के पिता कम पढे-लिखे हैं और टैक्सी चला कर अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं। उनके पिता का कहना है कि हालांकि मैं कम पढ़ा-लिखा  हूं।

लेकिन मुझे शिक्षा का महत्व अच्छी तरह से पता है। इसलिए शुरू से ही मैंने अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने हेतु कोई कसर नहीं छोड़ी। इसी का परिणाम है कि आज एक साधारण परिवार से होते हुए भी शिवम ने यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा पास की है।