India H1

बाप न्यूजपेपर बेचता है और बेटे ने हासिल कर ली देश में प्रथम रैंक,यह है जींद के छोरे की अनोखी कहानी

Father sells newspapers and son achieved first rank in the country, this is the unique story of the boy from Jind.
 
यस मलिक

जींद के रॉयल डिफेंस एकेडमी में तैयारी करने वाले यस मलिक ने देश में प्रथम रैंक हासिल कर यह साबित कर दिया कि अगर आप में अपनी मंजिल को पाने का जुनून है तो सुविधाओ का अभाव कोई मायने नहीं रखता। जी हां हम बात कर रहे हैं उस यस मलिक की जिसने अपनी मेहनत के बल पर देश में प्रथम स्थान हासिल कर अपने परिवार के साथ-साथ अपने संस्थान और देश का नाम रोशन कर दिया। यश मलिक के पिता की बात करें तो उनके पिता न्यूज़ पेपर बेचने का काम करते हैं। यश मलिक ने दूसरे लोगों की तरह कभी यह नहीं सोचा कि वह गरीब और सफल नहीं हो सकता।उनके दिमाग में दो उनकी मंजिल ही रहती थी। यही कारण है कि उन्होंने संपूर्ण देश में अपनी सफलता के झंडे गाढ़ दिए हैं। हम जींद जिले के छोटे से गांव शामलो कलां के उस यश मलिक की बात कर रहे हैं जिसने अपनी सफलता का परचम पूरे भारत देश में लहरा दिया है। लोग उनकी तारीफें करते थक नहीं रहे हैं।

शहर के गोहाना बाईपास पर अशरफगढ़ गांव के पास स्थित रॉयल डिफेंस अकादमी के छात्र यश मलिक ने ऑल इंडिया सैनिक स्कूल एंट्रेंस एग्जामिनेशन में देशभर में प्रथम रैंक हासिल कर रॉयल डिफेंस एकेडमी व जींद जिले का सम्पूर्ण देश में नाम रोशन कर दिया। यश मलिक ने इस परीक्षा में 400 में से 390 अंक प्राप्त कर प्रथम रैंक हासिल की। इस परीक्षा में मैथ, इंटेलिजेंस और जनरल साइंस के एग्जाम में यस मलिक को पूरे अंक मिले। वही इंग्लिश में 6 अंक और सोशल साइंस में चार अंक कम प्राप्त हुए। यश मलिक की इस सफलता पर उनके परिवार के साथ-साथ रॉयल डिफेंस अकादमी और संपूर्ण जींद जिले में एक खुशी की लहर है। जींद जिले में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी छात्र ने संपूर्ण देश में किसी एंट्रेंस एग्जाम में प्रथम स्थान हासिल किया है। 

दूसरी बार परीक्षा में बैठकर पाई सफलता

यश मलिक ने बताया कि उन्होंने इससे पहले भी एक बार सैनिक स्कूल का एंट्रेंस एग्जाम दिया था। लेकिन उस परीक्षा में कम नंबर मिलने के कारण दोबारा से परीक्षा देने हेतु तैयारी शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि में इस परीक्षा की तैयारी हेतु रॉयल डिफेंस एकेडमी में शिक्षकों द्वारा मुझे जो दिशा-निर्देश दिए जाते थे उनका पालन करने के साथ-साथ प्रतिदिन 12 से 14 घंटे पढ़ाई करता था।  उन्होंने बताया कि जीवन में अगर किसी लक्ष्य को प्राप्त करना है तो हमें अनुशासन में रहते हुए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है।

शिक्षक का जीवन तभी सफल होता है जब उसके शिष्य कामयाब हो - डॉ अशोक कुमार 

रॉयल डिफेंस अकादमी के चैयरमेन और यश मलिक के गुरु डॉ अशोक कुमार यश की इस सफलता पर खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं। उन्होंने इस खुशी के अवसर पर कहा कि एक शिक्षक का जीवन सही मायने में तभी सफल माना जाता है, जब उनसे शिक्षा ग्रहण कर उनके शिष्य अपने परिवार, गुरुजन और अपने देश का नाम रोशन करें। मेरे लिए आज सबसे बड़ा खुशी का पल है कि हमारे संस्थान रॉयल डिफेंस एकेडमी से शिक्षा ग्रहण कर यश मलिक ने अपने परिवार के साथ-साथ संपूर्ण जींद जिले का देशभर में नाम रोशन किया है। आज यश मलिक ने जो सफलता हासिल की है, उसके पीछे हमारी अकादमी की संपूर्ण टीम की और यश की मेहनत है। जींद जिले में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी गांव के बच्चे ने देश भर में एंट्रेंस एग्जाम में प्रथम स्थान हासिल किया है। वही रॉयल डिफेंस एकेडमी की मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. निर्मल ने बताया कि इस परीक्षा की तैयारी हेतु हमारे स्कूल का स्टाफ दिन रात मेहनत कर बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु तैयार करता है। यही कारण है कि आज हमारी अकादमी के 25 बच्चों ने इस परीक्षा में सफलता हासिल की है। वहीं यश ने इस परीक्षा में देश भर में प्रथम स्थान हासिल कर हमारा सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है।