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OPS News: केंद्र सरकार को दिया 6 सप्ताह का अल्टीमेटम, पुरानी पेंशन नहीं हुई बहाल तो होगी हड़ताल 

सरकारी दफ्तरों पर दिखेगा इस हड़ताल का असर 
 
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OPS News: कर्मचारी संगठन जो पिछले लंबे समय से देश में 'पुरानी पेंशन' भाली के लिए संगर्ष कर रहे हैं उन्होंने केंद्र सरकार को OPS लागू करने के लिए 6 सप्ताह का अल्टीमेटम दिया है। कर्मचारी संगठन के अनुसार अगर केंद्र सरकार पुरानी पेंशन को बहाल नहीं करेगी तो पुरे देशभर में अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू होगी। ऐसे में रक्षा क्षेत्र के उद्योगों, रेल सञ्चालन सहित दूसरे सरकारी विभागों में कामकाज बंद हो जाएगा। 

दिल्ली में बुधवार को हुई नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (एनजेसीए) के पदाधिकारियों की बैठक में यह अहम निर्णय लिया गया है। इस बैठक की अध्यक्षता एनजेसीए के संयोजक शिवगोपाल मिश्रा ने की है। केंद्र सरकार को अनिश्चितकालीन हड़ताल का नोटिस दिया जाएगा जिसमें स्ट्राइक की तारिख की घोषणा होगी और उसके दो दिन के अंदर ही एक कमेटी गठित की जाएगी।  

दिल्ली में हुई थीं पिछले साल बड़ी रैलियां:
केंद्र एवं विभिन्न राज्य सरकारों के कर्मचारी, पुरानी पेंशन बहाली के लिए गत वर्ष से ही आंदोलन कर रहे हैं। कर्मचारी संगठनों ने विभिन्न तरीकों से अपनी बात, सरकार तक पहुंचाने का प्रयास किया है। ओपीएस के लिए गठित नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (एनजेसीए) की संचालन समिति के वरिष्ठ सदस्य और एआईडीईएफ के महासचिव सी. श्रीकुमार का कहना है, नई दिल्ली के रामलीला मैदान में गत वर्ष दस अगस्त को सरकारी कर्मियों की विशाल रैली हुई थी। उस रैली में लाखों कर्मियों ने हिस्सा लिया था। एक अक्तूबर को रामलीला मैदान में ही 'पेंशन शंखनाद महारैली' आयोजित की गई। इसका आयोजन नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (एनएमओपीएस) के बैनर तले हुआ था। एनएमओपीएस के अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने कहा, पुरानी पेंशन कर्मियों का अधिकार है। वे इसे लेकर ही रहेंगे। इसके बाद तीन नवंबर को कन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एंप्लाइज एंड वर्कर्स के बैनर तले रामलीला मैदान में ही तीसरी रैली आयोजित की गई। इस रैली में ऑल इंडिया स्टेट गवर्नमेंट एंप्लाइज फेडरेशन सहित कई कर्मचारी संगठनों हिस्सा लिया था। 'नेशनल मिशन फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम भारत' के बैनर तले 10 दिसंबर को ऑल इंडिया एनपीएस एंप्लाइज फेडरेशन द्वारा जंतर-मंतर पर रैली आयोजित की गई। इस संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मंजीत पटेल ने रैली को संबोधित किया था।

अनिश्चितकालीन हड़ताल के लिए बनी सहमति: 
एआईडीईएफ के महासचिव सी. श्रीकुमार के मुताबिक, लोकसभा चुनाव से पहले 'पुरानी पेंशन' लागू नहीं होती है, तो भाजपा को उसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। कर्मियों, पेंशनरों और उनके रिश्तेदारों को मिलाकर यह संख्या दस करोड़ के पार चली जाती है। चुनाव में बड़ा उलटफेर करने के लिए यह संख्या निर्णायक है। देश के दो बड़े कर्मचारी संगठन, रेलवे और रक्षा (सिविल) ने अनिश्चितकालीन हड़ताल के लिए अपनी सहमति दे दी है। स्ट्राइक बैलेट में रेलवे के 11 लाख कर्मियों में से 96 फीसदी कर्मचारी ओपीएस लागू न करने की स्थिति में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए तैयार हैं। 

इसके अलावा रक्षा विभाग (सिविल) के चार लाख कर्मियों में से 97 फीसदी कर्मी हड़ताल के पक्ष में हैं। 20 और 21 नवंबर को 400 डिफेंस यूनिट, 7349 रेलवे स्टेशन, मंडल व जोनल दफ्तर, 42 रेलवे वर्कशॉप और सात रेलवे प्रोडेक्शन यूनिटों पर स्ट्राइक बैलेट के तहत वोट डाले गए थे। विभिन्न केंद्रीय कर्मचारी संगठन एवं राज्यों की एसोसिएशन भी ओपीएस के मुद्दे पर एक साथ आ गई हैं।  

कर्मियों को गारंटीकृत पुरानी पेंशन चाहिए: विजय कुमार बंधु 
नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (एनएमओपीएस) के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु का कहना है, केंद्र सरकार एनपीएस में संशोधन करने जा रही है। हम ऐसे किसी भी संशोधन के लिए आंदोलन नहीं कर रहे हैं। कर्मियों को गारंटीकृत पुरानी पेंशन ही चाहिए। अगर कोई भी कर्मचारी नेता या संगठन, सरकार के एनपीएस में संशोधन प्रस्ताव पर सहमत होते हैं, तो '2004' वाली गलतियां, '2024' में भी दोहराई जाएंगी। एनपीएस एक डस्टबीन है। करोड़ों कर्मियों का दस फीसदी पैसा और सरकार का 14 फीसदी पैसा, डस्टबीन में जा रहा है। यह स्वीकार्य नहीं है। पुरानी पेंशन बहाली तक, कर्मियों का आंदोलन जारी रहेगा। वित्त मंत्रालय की कमेटी की रिपोर्ट का कोई मतलब नहीं है। यह रिपोर्ट पेश हो या न हो। इससे कर्मियों को कोई मतलब नहीं है। वजह, यह कमेटी ओपीएस लागू करने के लिए नहीं, बल्कि एनपीएस में सुधार के लिए गठित की गई थी।