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Success Story : केवल रोटियां बनाकर सालाना कमाती है 40 लाख रूपये, जानिये 'रोटी दीदी' के कारोबार की दिलचस्प कहानी
 

 
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गुजरात की महिलाएं अच्छे उद्योग चला रही है मुनाफा कमा रही है। लेकिन, वडोदरा के आकोटा विस्तार में रहने वाली मीनाबेन शर्मा रोटी बनाने का बिजनेस चला रही हैं।

Success Story: अक्सर कहने में आता है की गुजरात के लोग व्यापार के माहिर होते है। वहां के पुरुषों के साथ साथ महिलाएं भी खुद का बिज़नेस करने में सक्षम है। इसी कड़ी में वडोदरा की रोटी दीदी है।

जी हाँ, रोटी दीदी के नाम से महशूर मीनाबेन शर्मा रोटी बनाने का बिजनेस करती हैं और उनका सालाना टर्नओवर 40 लाख का है। आइये जानते है उनके करोबार की दिलचस्प कहानी संस्कारी नगरी वडोदरा की महिलाएं औद्योगिक क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं।

यहां कहना उचित होगा की गुजरात की महिलाएं अच्छे उद्योग चला रही है मुनाफा कमा रही है। लेकिन, वडोदरा के आकोटा विस्तार में रहने वाली मीनाबेन शर्मा रोटी बनाने का बिजनेस चला रही हैं।

वह हर दिन करीब पांच से छह हजार रोटियां बनाती हैं और लोगों को खिलाती हैं. रोटी के बिजनेस से उनका सालाना 40 लाख का टर्नओवर है, जिसकी वजह से वह वडोदरा में 'रोटी दीदी' के नाम से मशहूर हैं. मीनाबेन दीपकभाई शर्मा 15 साल से वडोदरा में रह रही हैं. पहले वह स्कूल में पढ़ाती थी.

अध्यापन का पेशा छोड़ने के बाद उन्होंने रोटी बनाना शुरू किया. इस काम की शुरुआत उन्होंने 2018 में की. काम शुरू करने के बाद उन्होंने मशीन खरीदने के लिए प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत 8 लाख रुपये का लोन लिया था. शुरुआती दौर में मशीन के जरिए वह प्रतिदिन लगभग 1 हजार रोटियां बनाकर थोक में रेडी-टू-ईट बेचती थीं.

 रोजगार की शुरुआत में बहुत कम ग्राहक रोटी खरीदने आते थे, लेकिन समय के साथ जैसे-जैसे लोगों को पता चला तो उनके कारोबार में तेजी आई. आज वह रोजाना 5 से 6 हजार रोटियां बनाती हैं और थोक में बेचती हैं. मीनाबेन के रोटी निर्माण उद्योग से ग्राहकों तक रोटी पहुंचाने के लिए दो वाहन भी उपलब्ध हैं. वर्तमान में वह कारखाने में लगभग 18 लोगों को रोजगार भी दे रही हैं. उनका एमडी कॉर्पोरेशन का टर्नओवर 40 लाख रुपए सालाना है.