Chanakya Niti: महिला को पूर्ण रूप से सतुष्ट करने के लिए अपनाये ये चाणक्य निति, पुराने ज़माने में बुजर्ग करते थे जमकर इस्तेमाल
Chanakya Niti: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में समाज के किसी भी व्यक्ति के पास अपने परिवार के लिए समय नहीं है। इसका नतीजा यह निकलता है कि जैसे-जैसे शादीशुदा जीवन में समय निकलता है वैसे-वैसे इस पवित्र रिश्ते में खटास आनी शुरू हो जाती है। आज के इस भागम-भाग युग में मनुष्य इतना व्यस्त हो गया है कि पैसे कमाने और बड़ा आदमी बनने के लिए तो उसके पास समय है लेकिन परिवार संभालने के लिए नहीं।
यही कारण है कि दिन-प्रतिदिन भारत देश में परिवार टूटते जा रहे हैं। अक्सर हम देखते हैं कि कुछ लोग अपनी पत्नी के व्यवहार के चलते संपूर्ण दिन दुखी नजर आते हैं। ऐसे लोगों का काम में भी बिल्कुल मन नहीं लगता। आचार्य चाणक्य जी ने अपनी नीति शास्त्र में मनुष्य के वैवाहिक जीवन में औरत को खुश करने व शादी के बंधन जैसे पवित्र रिश्ते को जोड़े रखने हेतु कुछ उपयोगी बातों का वर्णन किया है। जो हम आज आपको बताने जा रहे हैं। इस नीति शास्त्र में आचार्य चाणक्य ने मनुष्य के कई ऐसे गुण बताएं हैं। जिन्हें उपयोग में लाकर आप अपनी पत्नी और शादी के बंधन को पूरी तरह संभाल कर रख सकते हैं।
आज के समय में देश के लगभग 70% लोगों में के पास धन-दौलत, जमीन-जायदाद सब कुछ होने के बावजूद भी पति-पत्नी में अक्सर लड़ाई झगड़े होते हैं और घर में क्लेश बना रहता है। ऐसे लोगों के लिए आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में 5 गुणों का व्याख्यान करते हुए कहा है कि अगर मनुष्य इन पांच गुणों पर अमल कर लेगा तो वह अपनी पत्नी को पूर्ण रूप से संतुष्टि दे सकता है।
1 - आचार्य चाणक्य जी के नीति शास्त्र के प्रथम गुण के मुताबिक व्यक्ति को अपने घर पर लौटते वक्त खुश रहना बहुत जरूरी है। आचार्य बताते हैं कि व्यक्ति अगर खुश नहीं है, तो इसका असर उनके वैवाहिक जीवन पर पड़ेगा।
2 - नीति शास्त्र के दूसरे गुण के तहत आचार्य चाणक्य जी बताते हैं कि व्यक्ति को अपने परिवार की छोटी से छोटी व बड़ी से बड़ी समस्याओं, खुशियों आदि को अपनी पत्नी के साथ शैयर करना चाहिए। ऐसा करने से पति-पत्नी के रिश्ते में विश्वास बढ़ता है। अगर यह गुण किसी व्यक्ति में है तो उसकी पत्नी हमेशा खुश रहेगी।
3 - आचार्य चाणक्य जी तीसरी गुण के अनुसार बताते हैं कि पुरुष को हमेशा अपनी औरत के प्रति वफादार रहना चाहिए। जो व्यक्ति दूसरी औरतों के साथ समय बिता कर और बातचीत करके खुश रहते हैं।उनके परिवार और पारिवारिक जीवन में हमेशा कलह बना रहता है।
4 - आचार्य चाणक्य जी के नीतिशास्त्र के चौथे गुण के अनुसार व्यक्ति को हमेशा निडर होकर वीरतापूर्ण जीवन व्यतीत करना चाहिए। अगर आप में जरा सी बात पर डरने की आदत है, तो आपमें आत्मविश्वास की कमी बढ़ती जाएगी। इस आत्मविश्वास की कमी दिन प्रतिदिन बढ़ती गई तो इसका असर आपके पारिवारिक जीवन पर भी पड़ेगा।
5 - नीति शास्त्र के पांचवा गुण सबसे अहम माना जाता है। इस गुण के अनुसार व्यक्ति को अपनी पत्नि को समय-समय पर पड़ने वाली छोटी चीजों की जरूरतों को अवश्य पूरा करना चाहिए। अगर आप अपनी पत्नी की इन आवश्यकताओं की पूर्ति कर देंगे तो आप हमेशा अपनी पत्नी के प्रिय बने रहेंगे। इस प्रकार आचार्य चाणक्य जी के नीति शास्त्र तीन पांच गुना को अपनाकर आप अपनी पत्नी को खुश रखकर अपना पारिवारिक जीवन खुशहाल बना सकते हैं।