कम लागत में ज्यादा मुनाफा ऐसे करें धान की खेती

धान भारत की मुख्य फसलों में से एक है कई राज्यों में धान की खेती साल में दो बार होती है

धान की खेती मुख्य तौर पर मानसून की खेती होती है

धान की खेती की शुरुआत किसान नर्सरी से करता है इसलिए बीजों का अच्छा होना आवश्यक है

कई बार किस महंगा बीज तो ले लेता है लेकिन सही उपज नहीं ले पाता इसलिए बिजाई से पहले बीज वह खेत का उपचार कर लेना जरूरी है

मौसम के हिसाब से किस्में विकसित की जाती है इसलिए किसानों को अपने क्षेत्र के हिसाब से

ही बीजों का चयन करना चाहिए

किसानों को बीज शोध अवश्य करना चाहिए जिसे फसल को कई रोगों से बचाया जा सकता है

एक हेक्टर की रोपाई के लिए बीज शोध प्रक्रिया में 25,30 रुपए खर्च होते हैं।

उपचारित बीज को गिले बोरे में लपेटकर ठंडी जगह पर रख दे समय समय पर बोरी पर पानी छिटकते रहे

लगभग 48 घंटे बाद बोरी को खोले बीज अंकुरित होकर नर्सरी में डालने के लिए तैयार है।

किसान हरि खाद्य तैयार करने के लिए धान की बिजाई से 1 महीने पहले सनई का बीज 25 किलोग्राम

प्रति हेक्टर के हिसाब से बिजाई करें

लगभग 1 महीने बाद खड़ी फसल को खेत में मिला दे और तीन-चार दिन के लिए छोड़ दे

ऐसा करने से खाद अच्छी तरह गल कर तैयार हो जाती है।

अगर किसान के पास कम पानी है तो श्री विधि से धान की रोपाई करें इस विधि से रोपाई करने पर खेत

में पानी खड़ा नहीं रखना पड़ता जिस प्रकार किसान गेहूं के खेत में सिंचाई करता है

उसी प्रकार धान की सिंचाई होती है बाकी की विधि सामान्य धान की तरह ही करें

इस प्रकार से कम लागत में अधिक उपज किसान ले सकता है।