Google सर्च के लिए देने होंगे पैसे? कंपनी कर रही है बड़ी तैयारी
गूगल एक बड़ी तैयारी में लगा हुआ है। अब तक कंपनी ने सचृ सर्विस को फ्री रखा है। जहां से उसे कर रेवेन्यू का बड़ा हिस्सा मिलता है। कलंकी अब कंपनी अपनी इस पॉलिसी में बदलाव करने की सोच रही है। कंपनी प्रीमियम फीचर पर कर लगाने पर विचार करती हुई नजर आ रही है। यह प्रीमियम फीचर्स कुछ और नहीं बल्कि जेनरेटिव ए आईं से आने वाले रिजल्ट्स होंगे।
कुछ टाइम पहले ही कंपनी ने गूगल सर्च के साथ जेनरेटिव आई का स्नैपशॉट पिक्चर एक्सपेरिमेंट लॉन्च किया था। इस फीचर्स की मदद से यूजर्स को सर्च किया टॉपिक के बारे में एआई सर्च रिजल्ट से ऊपर दिखता है।
ए सर्च किए हुए किसी भी टॉपिक की समरी को यूजर को उसकी खोज के हिसाब से ऊपर दिखता है हालांकि अब कंपनी इसमें कुछ बदलाव चाहती है फाइनेंशियल टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी है कि अगर गूगल ऐसा कुछ करता है तो यह पहला मौका होगा जब कंपनी अपने सर्च इंजन पर पेमेंट या चार्ज लगाएगी।
गूगल सर्च से कंपनी की बड़ी कमाई होती है लेकिन चैट जीपीटी के आने के बाद कंपनी को अपने बिजनेस पर एक डर नजर आ रहा है। इस प्लेटफार्म को अब लॉन्च हुए लगभग डेढ़ साल हो चुका है। अब कंपनी अपने बिजनेस मॉडल में एक बदलाव पर सोच विचार कर रही है। कंपनी एआई को लेकर किस दिशा में सोच विचार कर रही है।
गूगल उन विकल्पों को तलाश कर रहा है जिसमें ए आईं फीचर को प्रीमियम सब्सक्रिप्शन के साथ जोड़ा जा सके कंपनी की जि मिनी एआई असिस्टेंट के फीचर पहले से ही जीमेल और डॉकस के साथ दे रही है। यह जानकारी इस मामले से जुड़े तीन लोगों के हवाले से दी गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक इंजीनियर इस टेक्नोलॉजी पर काम कर रहे हैं लेकिन कंपनी एक जूस अभी तक इस पर अंतिम फैसला नहीं ले पाए हैं। कल्कि कंपनी का ट्रेडिशनल सर्च इंजन पहले की तरह ही फ्री रहेगा वहीं कंपनी सब्सक्राइबर्स को भी ऐड दिखाने पर विचार कर रही है।
बता दें कि Google ने सर्च और सर्च संबंधी ऐड्स की मदद से पिछले साल 175 अरब डॉलर कमाए हैं. ये संख्या कंपनी की कुल कमाई का आधे से ज्यादा हिस्सा है. यहीं वजह है कि कंपनी अपने सर्च के जरिए आने वाले पैसे को बचाने पर विचार कर रही है. ChatGPT के लॉन्च होने के बाद से ही गूगल के लिए ये प्लेटफॉर्म एक चुनौती बन गया है
चूंकि ChatGPT बहुत से सवालों के सटीक और तेजी से जवाब देता है. ऐसे में लोग गूगल पर सर्च करना बंद कर सकते हैं, जो कंपनी का सबसे बड़ा डर है. Google ने पिछले साल मई में AI पावर्ड सर्च इंजन पर काम शुरू किया था. हालांकि, ब्रांड इस एक्सपेरिमेंटल फीचर को मेन सर्च इंजन पर जोड़ना नहीं चाहता है.
इस तरह के सर्च रिजल्ट देने में गूगल के काफी ज्यादा रिसोर्स खर्च होंगे. ट्रेडिशनल तरीके के मुकाबले जनरेटिव AI रिस्पॉन्स में गूगल से ज्यादा कंप्यूटर रिसोर्स लगेंगे. यही वजह है कि कंपनी इसे चुनिंदा यूजर्स को ही ऑफर करना चाहती है. कंपनी इसे Google One के सब्सक्राइबर्स को ऑफर कर सकती है.