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नवरात्रि क्यों मनाए जाते हैं और यह कितने प्रकार के होते हैं जानिए चैत्र नवरात्रि की  पूजा विधि

Why is Navratri celebrated and how many types are there? Know the worship method of Chaitra Navratri.
 
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 एक बार मां दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस के साथ 9 दिन तक युद्ध किया नौवे दिन की रात्रि को इनका वध किया उसी दिन से मां दुर्गा को महिषासुर मर्दिनी के नाम से जाना जाता है तभी से मां दुर्गा की इन नौ दिनों की शक्ति को नवरात्रों का रूप माना जाता है तथा मां के अलग अलग नौ रूपों की पूजा की जाती है.


 हमारे हिंदू शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि साल में चार बार मनाए जाते हैं चैत्र नवरात्रि, शारदीय नवरात्रि, 


और दो गुप्त नवरात्रि होते हैं नवरात्रि चैत्र के महीने में तथा शारदीय नवरात्रि अश्विन के महीने में मनाए जाते हैं गुप्त नवरात्रि माघ और असाढ के महीने में मनाए जाते हैं.
 चैत्र नवरात्र की शुरुआत कब है जानिए शुभ मुहूर्त

इस साल चैत्र मास के नवरात्रि 9 अप्रैल से शुरू होकर 17 अप्रैल तक मनाए जाएंगे नवरात्रि शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होकर नवीन तिथि तक होते हैं कलश स्थापना का मुहूर्त 9 अप्रैल को 6:11 से 10:23 तक रहेगा तथा अभिजीत मुहूर्त 12:03 से 12:54 तक रहेगा|


 कलश स्थापना की विधि: कलश स्थापना के लिए पूजा की चौकी लगाऐ और उस पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर चावल से अष्ट दल बनाकर मां दुर्गा की प्रतिमा रखें कलश में पानी भरकर इसमें गंगाजल, सिक्का ,रोली ,हल्दी गांठ,सुपारी डालकर स्थापित करें कलश के ऊपर पांच आम के पत्ते लगाकर उसे पर एक नारियल मोली बांधकर रखें|


 नवरात्रों के नौ दिनों में मां के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है पहली शैलपुत्री दूसरी ब्रह्मचारिणी, तीसरी चंद्रघंटा,चौथी कुष्मांडा, पांचवी स्कंद माता, छठी कात्यानी,सातवीं कालरात्रि,आठवी महागौरी,और नवमी सिद्धिदात्री दुर्गा के नौ रूप है जिनकी अलग-अलग पूजा की जाती है|