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पेंशन बहाली समिति ने किया बड़ा ऐलान, हरियाणा सरकार की बढ़ी मुश्किलें 

पेंशन बहाली समिति ने किया बड़ा ऐलान, हरियाणा सरकार की बढ़ी मुश्किलें 
 

OPS News: हरियाणा प्रदेश के अंदर पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) की बहाली हेतू संघर्ष कर रहे कर्मचारी संगठनों सरकार के विरोध बड़ा ऐलान कर खतरे की घंटी के संकेत दे दिए हैं। पेंशन बहाली संघर्ष समिति की राज्य स्तरीय कार्यकारिणी की बैठक में कर्मचारियों ने अब आर-पार की लड़ाई लड़ने का फैसला किया है।

बैठक में शामिल हुए पेंशन बहाली संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र धारीवाल ने सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ने का ऐलान किया है।


पेंशन बहाली संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश के प्रत्येक कर्मचारी द्वारा पुरानी पेंशन बहाली के लिए लगातार आंदोलन करने के बावजूद सरकार कर्मचारियों के संवैधानिक अधिकार बहाल करने को तैयार नहीं है। ऐसे में पेंशन बहाली संघर्ष समिति ने प्रदेश के सभी जिलों में एक जुलाई से लेकर 10 अगस्त तक आक्रोश मार्च निकालते हुए सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ने का फैसला किया है। 

सरकार ने सुनवाई नहीं की तो करेंगे मुख्यमंत्री आवास का घेराव 


पेंशन बहाली संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र धारीवाल ने कहा कि आक्रोश मार्च निकालने के बाद भी अगर सरकार ने हमारी मांगे नहीं मानी तो एक सितंबर को पंचकूला में रैली करके चंडीगढ़ स्थित मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया जाएगा। इस दौरान समिति के प्रदेश महासचिव ऋषि नैन ने बैठक का संचालन करते हुए कहा कि प्रदेश का हर कर्मचारी पेंशन बहाली के लिए आज हमारे साथ इस संघर्ष में कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है।

ऋषि नेन ने बताया कि इससे पहले भी 19 फरवरी 2024 को भी तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल के समक्ष कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर गए थे। लेकिन बदले में कर्मचारियों पर हरियाणा सरकार द्वारा आंसू गैस के गोले और लाठियां बरसाई गई। उन्होंने कहा कि सरकार अगर कर्मचारियों की पुरानी पेंशन को बहाल नहीं करती है तो आने वाले विधानसभा चुनाव में परिणाम झेलने के लिए तैयार रहे। बैठक के दौरान धारीवाल ने कहा की प्रदेश का हर एक कर्मचारी किसान, मजदूर, गरीब और दुकानदार के परिवार से आता है।

जिसका बुढ़ापे में एकमात्र सहारा पेंशन ही होती है। जिसे इस सरकार ने छीन कर प्रदेश के अंदर दो विधान बना दिए हैं। इस देश में विधायकों को शपथ लेते ही पेंशन का अधिकारी बना दिया जाता है और कर्मचारी को 30 से 35 साल की सेवा देने के बाद भी पेंशन का हक नहीं मिलता। एक देश में दो विधान कभी नहीं चलेंगे।

इसलिए सरकार कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए पेंशन बहाली की स्कीम को जल्द से जल्द लागू करे।

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