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पराली प्रबंधन के आधुनिक तरीकों से किसानों की आमदनी में हो रही वृद्धि! पंजाब के 2 किसानों ने निकाली नई तकनीक 

पराली प्रबंधन किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा बना हुआ है। पराली जलाने से प्रदूषण बढ़ता है, जिससे पर्यावरण और स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। हालाँकि, राज्य सरकारें और संस्थाएँ किसानों को पराली प्रबंधन के आधुनिक उपकरण और सब्सिडी प्रदान कर रही हैं, जिससे इस समस्या में कमी आ रही है।
 
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Kisan News: पराली प्रबंधन के आधुनिक तरीकों से किसानों की आमदनी में हो रही वृद्धि! पंजाब के 2 किसानों ने निकाली नई तकनीक 
पराली प्रबंधन किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा बना हुआ है। पराली जलाने से प्रदूषण बढ़ता है, जिससे पर्यावरण और स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। हालाँकि, राज्य सरकारें और संस्थाएँ किसानों को पराली प्रबंधन के आधुनिक उपकरण और सब्सिडी प्रदान कर रही हैं, जिससे इस समस्या में कमी आ रही है।

पंजाब के पटियाला के कुछ किसान पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक हैं। गुरमुख सिंह और जतिंदर सिंह, पटियाला जिले के तेईपुर गाँव के किसान, पिछले 9 सालों से पराली नहीं जला रहे हैं। उन्होंने आधुनिक उपकरणों का उपयोग करते हुए, फसल अवशेषों का उचित प्रबंधन किया है।

गुरमुख सिंह कंबाइन हार्वेस्टर के साथ इस प्रणाली का उपयोग करते हैं, जिससे पराली बिना जलाए मिट्टी में मिल जाती है। इसके बाद वह इस मशीन का उपयोग करके गेहूं की बुवाई करते हैं, जिससे फसल की गुणवत्ता में सुधार होता है।

पराली प्रबंधन से न केवल पर्यावरण को फायदा हो रहा है बल्कि किसानों की आमदनी में भी वृद्धि हो रही है। गुरमुख सिंह का कहना है कि उनकी उपज की गुणवत्ता और पैदावार में सुधार हुआ है, जिससे उनकी आय में भी बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा, खेतों में कीटों का कम होना और पानी की बचत भी उनके लिए एक बड़ी राहत है।