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 क्या आप भी अपने बैंक खाते में नॉमिनी जोड़ने की सोच रहे हैं? तो आपके बैंक खाते के लिए नए नियम जान लो 

बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 न केवल खाताधारकों के लिए नॉमिनी के विकल्प बढ़ाने का काम करेगा बल्कि बैंकों के संचालन में भी महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा। इसके प्रावधान बैंकों और उनके ग्राहकों के लिए एक नए युग की शुरुआत कर सकते हैं, जिसमें पारदर्शिता और जवाबदेही को प्राथमिकता दी जाएगी।
 
Union Finance Minister Nirmala Sitharaman

Union Finance Minister Nirmala Sitharaman: बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 न केवल खाताधारकों के लिए नॉमिनी के विकल्प बढ़ाने का काम करेगा बल्कि बैंकों के संचालन में भी महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा। इसके प्रावधान बैंकों और उनके ग्राहकों के लिए एक नए युग की शुरुआत कर सकते हैं, जिसमें पारदर्शिता और जवाबदेही को प्राथमिकता दी जाएगी।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में लोकसभा में बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 पेश किया। यह विधेयक कई महत्वपूर्ण बदलावों के साथ बैंकिंग सिस्टम को और मजबूत करने की दिशा में उठाया गया कदम है। इस लेख में हम इस विधेयक के प्रमुख प्रावधानों और उनके प्रभाव पर चर्चा करेंगे।

विधेयक के सबसे महत्वपूर्ण प्रावधानों में से एक यह है कि अब प्रत्येक बैंक खाताधारक एक खाते के लिए चार नॉमिनी तक दर्ज करा सकेगा। पहले, एक खाते में केवल एक नॉमिनी ही दर्ज करने की अनुमति थी। यह बदलाव बैंक खाताधारकों को अधिक विकल्प और सुविधा प्रदान करेगा।

इस विधेयक में कंपनी निदेशकों के सबस्टेंशियल इंटरेस्ट (substantial interest) को फिर से परिभाषित किया गया है। अब इसके तहत 5 लाख रुपये की सीमा को बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये तक कर दिया गया है, जो लगभग छह दशक पहले तय की गई थी। यह बदलाव कंपनियों के संचालन में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देगा।

विधेयक के पेश किए जाने के दौरान विपक्ष के कुछ सदस्यों ने आपत्ति जताई, लेकिन वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि यह विधेयक सहकारी बैंक और बैंकिंग विनियमन अधिनियम के बीच के संबंध को स्पष्ट करता है और इसमें छोटे खाताधारकों के हित को प्राथमिकता दी गई है।

बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 न केवल खाताधारकों के लिए नॉमिनी के विकल्प बढ़ाने का काम करेगा बल्कि बैंकों के संचालन में भी महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा। इसके प्रावधान बैंकों और उनके ग्राहकों के लिए एक नए युग की शुरुआत कर सकते हैं, जिसमें पारदर्शिता और जवाबदेही को प्राथमिकता दी जाएगी।

विधेयक के पेश किए जाने के दौरान विपक्ष के कुछ सदस्यों ने आपत्ति जताई, लेकिन वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि यह विधेयक सहकारी बैंक और बैंकिंग विनियमन अधिनियम के बीच के संबंध को स्पष्ट करता है और इसमें छोटे खाताधारकों के हित को प्राथमिकता दी गई है।