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Health News : हरियाणा के खेतों में मिलता है ये पौधा, पाइल्स-मलेरिया जैसी बीमारियां हो जाएगी छूमंतर

आज हम आपको एक ऐसे पौधे के बारे में बताने जा रहे है जो हरियाणा के खेतों में पाया जाता है। इस पौधे से पाइल्स-मलेरिया जैसी बीमारियां दूर हो जाती है। ये पौधा स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। आइये जानते है डिटेल में 
 
हरियाणा के खेतों में मिलता है ये पौधा

Health News : हरसिंगार का पौधा औषधीय गुणों से भरा होता है। वहीं इसे रात की रानी के साथ ही पारिजात और नाइट जस्मीन के नाम से भी जाना जाता है। इसमें सफेद फूल आते हैं, जो कि बहुत ही सुगंधित होते हैं।

वहीं इस पेड़ के सभी भाग विभिन्न रोगों में काम आते हैं। फिर चाहे इसके पत्ते हो, छाल हो या फिर इसके फूल जो कि गठिया से लेकर आंतों के कीड़े तक के बीमारियों को सही करने में मददगार माने जाते हैं।

साथ ही रात के समय जब इसके फूल खिलते हैं, तो चारों ओर का वातावरण सुगंधित खुशबू से महक उठता है। इसीलिए इसे रात की रानी भी कहा जाता है।

कमालगंज में बीएएमएस आयुष चिकित्साधिकारी डॉक्टर धर्मेंद्र सिंह यादव ने बताया कि हरसिंगार के पौधे में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है।

जिसमें गठिया, साइटिका, हड्डी में फैक्चर के साथ ही त्वचा से संबंधित रोग, बवासीर, बुखार, मलेरिया, सूखी खांसी, डायबिटीज से ग्रसित रोगों में यह काम आता है। इसके साथ ही हरसिंगार का पौधा सबसे अधिक फायदेमंद है। आयुर्वेद में बताया गया है कि हरसिंगार बड़ा ही शक्तिशाली पौधा होता है।

अगर चेहरे से दाग धब्बे दूर नहीं हो रहे हैं, तो इसके पत्तों का लेप बनाकर चेहरे पर लगाने से त्वचा चमकदार हो जाती है। साथ ही रोग भी दूर रहते हैं। यह गाठिया रोग, जोड़ों के दर्द के साथ ही बुखार के इलाज में प्रयोग किया जाता है।

जोड़ों के दर्द और बुखार का करता है इलाज

गठिया के रोग से निजात के लिए हरसिंगार के पत्तों, छाल और फूलों से काढ़ा बना सकते हैं। वहीं सर्दी, खांसी और साइनस के लिए भी इसके पत्तों की चाय बनाकर पी सकते हैं।

जिसमें हम एक गिलास पानी में दो से तीन हरसिंगार के पत्ते और चार से पांच फूल लेकर दो-तीन तुलसी के पत्ते डालकर चाय बनाकर पी सकते हैं। जो की बहुत ही लाभकारी होती है।

हरसिंगार के सेवन का तरीका

हरसिंगार के पत्ते बुखार में भी बेहद लाभकारी होते हैं। बुखार में इसकी पत्तियां, छाल और तुलसी के पत्ते मिलाकर काढ़ा पीने से काफी लाभ मिलता है। वही इसके पत्तों का पाउडर बनाकर भी उपयोग किया जाता सकता है।